Starbucks Dress Code Controversy
Starbucks Dress Code Controversy
स्टारबक्स ड्रेस कोड विवाद: अमेरिका में कॉफी प्रेमियों के लिए हाल के दिनों में कुछ असामान्य घटनाएं हुई हैं। जिन स्टोरों से उन्हें रोज़ाना कैपुचीनो या कारमेल मैकियाटो मिलते थे, वहां ताले लटक रहे हैं। इसका कारण है कि स्टारबक्स के 2,000 से अधिक कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए हड़ताल पर हैं। यह केवल वर्दी का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आत्म-सम्मान, पहचान और अधिकारों की लड़ाई है, जहां एक एप्रन, एक रंग और एक नीति हजारों लोगों की जिंदगी पर प्रभाव डाल रही है। आइए इस विषय पर विस्तार से जानते हैं -
ड्रेस कोड विवाद का विवरण ड्रेस कोड विवाद का कारण
12 मई से लागू नए ड्रेस कोड के अनुसार, अमेरिका और कनाडा के स्टारबक्स स्टोरों में काम करने वाले बरिस्ता को केवल खाकी, काले या नीले डेनिम बॉटम्स और काली शर्ट पहननी होगी, जिसके ऊपर प्रतिष्ठित हरा एप्रन होगा। यह बदलाव कंपनी की छवि को ‘एकीकृत’ और ‘ब्रांड फोकस्ड’ बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
हालांकि, यूनियन का कहना है कि इससे कर्मचारियों की व्यक्तिगत अभिव्यक्ति पर रोक लगाई जा रही है। पहले, बरिस्ता अपने फैशन और पर्सनैलिटी के अनुसार गहरे रंगों की शर्ट या पैटर्न वाले कपड़े पहन सकते थे। अब वे खुद को एक जैसी भीड़ का हिस्सा महसूस कर रहे हैं, जहां रचनात्मकता और स्वतंत्रता की कोई जगह नहीं है।
हड़ताल का प्रभाव हड़ताल का दायरा
स्टारबक्स वर्कर्स यूनाइटेड के अनुसार, अमेरिका में लगभग 570 स्टोर यूनियन के तहत आते हैं, जिनमें से करीब 120 स्टोर इस हड़ताल में शामिल हो चुके हैं। लगभग 2,000 कर्मचारी कार्यस्थल से दूर हैं। कंपनी का कहना है कि 99% स्टोर अब भी खुले हैं और केवल कुछ स्टोर ही कुछ घंटों के लिए प्रभावित हुए हैं। कंपनी ने यह भी कहा है कि अगर कर्मचारियों को विरोध करना है, तो वे काली शर्ट पहनकर भी काम कर सकते हैं, लेकिन यूनियन इसे ‘नैतिक रूप से अनुचित’ मानती है।
स्टारबक्स का परिचय स्टारबक्स का इतिहास
स्टारबक्स की स्थापना 1971 में सिएटल, वॉशिंगटन में हुई थी, लेकिन इसे वैश्विक ब्रांड बनाने का श्रेय हावर्ड शुल्ट्ज को जाता है। उन्होंने 1987 में कंपनी को खरीदा और इसे इटली की कॉफी संस्कृति से प्रेरित होकर एक ‘कॉफीहाउस अनुभव’ में बदल दिया। आज, स्टारबक्स एक सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनी है, जिसके वर्तमान सीईओ लकसमैन नरसिंम्हन हैं।
स्टारबक्स की पहचान स्टारबक्स की विशेषताएँ
स्टारबक्स की पहचान केवल कॉफी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका अनुभव, महक, वातावरण, ग्राहक सेवा और व्यक्तिगतकरण भी महत्वपूर्ण हैं। यहां कस्टमाइजेशन की सुविधा के चलते ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार दूध, सीरप, तापमान और शुगर का चुनाव कर सकते हैं। कंपनी 100% अरेबिका बीन्स का उपयोग करती है, जो नैतिक सोर्सिंग के जरिए खरीदी जाती हैं।
हड़ताल का भविष्य हड़ताल का भविष्य
भारत में हड़ताल का प्रभाव भारत में स्टारबक्स हड़ताल का असर
अमेरिका में चल रही यह हड़ताल भारत में स्टारबक्स स्टोर्स पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं डाल रही है। भारत में स्टारबक्स का संचालन Tata Starbucks Private Limited द्वारा किया जाता है, जो Tata Group और Starbucks Corporation (USA) के बीच की साझेदारी है। यहां की यूनियन और लेबर कानून अमेरिका से भिन्न हैं।
हालांकि, हड़ताल का प्रत्यक्ष असर नहीं है, लेकिन कॉर्पोरेट स्तर पर दबाव और कर्मचारियों की जागरूकता के रूप में कुछ अप्रत्यक्ष प्रभाव हो सकते हैं।
ग्राहकों की धारणा ग्राहकों की धारणा पर असर
कुछ जागरूक उपभोक्ता सोशल मीडिया के माध्यम से अमेरिका में हो रहे संघर्ष के प्रति सहानुभूति जता रहे हैं, जिससे ब्रांड की सोशल इमेज पर असर पड़ सकता है।
ग्लोबल नीतियों में बदलाव ग्लोबल नीतियों में समीक्षा
अगर अमेरिका में ड्रेस कोड में बदलाव होता है, तो संभव है कि कंपनी भारत जैसे देशों में ऐसी नीतियों को लागू करने से पहले अधिक संवेदनशीलता दिखाए।
ब्रांड इमेज पर असर ब्रांड इमेज पर असर
भारत में स्टारबक्स एक प्रीमियम ब्रांड के रूप में देखा जाता है। यदि वैश्विक स्तर पर इसके खिलाफ नकारात्मक समाचार आती हैं, तो इसका ग्राहकों के भरोसे पर असर हो सकता है।
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